शनिवार को सरसों का तेल शरीर के इस हिस्से पर लगाने से जड़ से खत्म हो जाती है गरीबी!
शनिवार को सरसों का तेल शरीर के इस हिस्से पर लगाने से जड़ से खत्म हो जाती है गरीबी!
शनिवार को सरसों का तेल शरीर के इस हिस्से पर लगाने से जड़ से खत्म हो जाती है गरीबी!

दोस्तों शनिवार का दिन एकदम खास होता है क्योकि इस दिन टोने-टोटके किये भी जाते हैं और उनसे छुटकारा भी पाया जाता है। इस दिन आप खुद को कैसे सुरक्षित रखते हैं यह तो आप पर ही निर्भर करता है और इससे भी बढ़कर बात तो यह है कि इस दिन का दुरुपयोग न करें।
जब शनिदेव की पीड़ाएँ परेशान करती हैं तो चारो तरफ से परेशानी होती है। एक के बाद एक आप परेशानी मे पड़ते जाते हैं। और जब शनिदेव अपने पूरे रंग में आते हैं तो परिवार में मतभेद होने लगते हैं।
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माता-पिता के स्वास्थ्य पर कष्ट या आपके करियर रोजगार पर भी बीत जाती है। और शनिदेव ठीक इसी प्रकार मनुष्यों को दण्ड देते हैं। तो इससे आखिर कैसे बाहर निकला जाये? आखिर क्या वे तरीके हैं जिनसे आप शनिदेव को मना सकते हैं।
एक बात हमेशा याद रखे कि आप को घर के मुख्य द्वार पर हर रोज गंगाजल डालना ही है। यदि गंगा जल की व्यवस्था नहीं है तो तांबे या मिट्टी के पात्र में रात में ही जल भरकर रख दें। और सुबह उठकर घर के मुख्य द्वार पर डाल दें। पर शनिवार के दिन क्या करें?
वैसे तो नॉर्मल दिनों पर आप घर के मुख्य द्वार पर झाड़ू लगाते होंगे और शायद पोंछा भी। परंतु शनिवार के दिन ये सब करने से पहले आपको गंगाजल छिड़कना है उसके बाद ही कुछ और करना होगा।
गंगाजल या पानी की छींटे डालने से क्या होगा? ऐसा करने से जो भी अतृप्त आत्माएँ होती हैं वे तृप्त हो जाती हैं और आप पर कष्ट नहीं आते। यह प्रयोग आप अवश्य करें और एक बात का ध्यान और भी रखें कि जब भी आप स्वयं या किसी और से झाड़ू पोंछा लगवायें तो उस पानी में नमक या फिटकरी अवश्य डाल दें।
फिटकरी के एक डेली को लेकर आप उसे एक मग पानी में थोड़ी देर के लिये चला दें और फिर उस पानी को पोंछे के पानी में डाल दें। ऐसा करने से आपके घर पर किसी का भी जादू टोना नहीं चलेगा। आप सभी लोग स्वस्थ, मस्त और मजे में रहेंगे।
वैसे यदि आप शनिवार के दिन छोटी-छोटी बातो का ध्यान रखते हैं तो आप कई मुश्किलों से खुद ही बाहर निकल आते हैं। शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा अवश्य करें। यदि आप कर्ज में फँसे हैं और जीवन की मुश्किलें बहुत ज्यादा हैं तो आप यह प्रयोग अवश्य करें।
आपका कर्ज यदि बहुत बढ़ता जा रहा है तो शनिवार के दिन शाम को एक पान का बीढ़ा लेकर हनुमान जी को अर्पित कर दें। याद रखें कि पान के पत्ते में आपको चूना और कत्था नहीं डलवाना है। वैसे तो दुकानदारों को यह पता होता है और अगर वह नहीं बना पाता है तो आप इसे घर में बना लें।
एक पान का पत्ता लें उस पर इलाइची और लौंग रखें। उस पर कोई मीठी चीज रख दें और उसका बीड़ा बनाकर हनुमान जी के चरणों में अर्पित कर दें।

शनिवार के दिन सरसों के तेल का तो विशेष महत्व होता है। तो चलिये अब आपको बताते हैं कि यह कैसे जीवन की मुश्किलों से बाहर निकालने में सहायक होता है। सरसों का तेल का सबसे खास प्रयोग तो यही है कि इस दिन एक पात्र में इसे ले लें।
अब इसमें अपनी छाया को देखें और इस तेल में उड़द दाल के बड़े बनाकर किसी जानवर को खिला दें। आप अगर यह कुत्ते को खिला दें तो सबसे बढि़या रहेगा। ऐसा करने से शनिदेव का प्रकोप कम होता है। पर यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो जरा ध्यान दें कि हर परिवार में आखिरी रोटी कुत्ते के हिस्से की ही होती है।
और इस बात का विशेष महत्व होता है। आप उस रोटी पर सरसों का तेल लगाकर अंगुली से रगड़ दें और यदि संभव हो तो इस पर एक चुटकी काले तिल और गुड़ भी रख दें। अब तीन बार इसे अपने सिर पर से वार लें।
या फिर आपके परिवार मे कोई ऐसा शख्स है जो ज्यादा परेशान रहता है तो उसके सिर पर इसे उतार दें तीन बार। और फिर इस रोटी को ले जाकर एक कुत्ते को प्यार से खिला दें।
शनिवार के दिन आप सुबह से लेकर शाम तक अपने बालों में एक बार तेल अवश्य डालें। और यदि संभव हो तो शनिवार रात्रि के समय अपनी नाभि पर लगाकर अवश्य सोएँ ऐसा करने से भाग्योदय होता है। जीवन की मुश्किलें कम होती हैं।
वैसे भी नाभि में तेल लगाने से खुस्की दूर होती है और ओंठ भी नहीं फटते हैं। इससे आपका स्वास्थ्य भी ठीक रहता है क्योंकि नाभि पूरे शरीर का केंद्रबिंदु होता है। तो हमेशा याद रखें कि आपके घर परिवार के सभी लोग थोड़ा सा ही सही पर सरसों का तेल नाभि और सर पर लगा कर अवश्य सोएँ।
शनिदेव से जुड़ी एक कथा और भी है। जब रावण ने शनिदेव को अपने पैरों की नीचे दबा कर बंदी बना रखा था तो सिर्फ हनुमान जी ने ही उन्हें छुड़वाया था।
तब प्रसन्न होकर शनिदेव ने हनुमान जी को वरदान दिया था कि जो भी मनुष्य मेरी पूजा करने के बाद आपकी पूजा करेगा उस पर मैं कभी भी कुदृष्टि नहीं डालूँगा।
इसीलिये जब शनिवार के दिन आप शनिदेव की आराधना करें तो उसके बाद हनुमान जी की आराधना अवश्य करें। इससे शनिदेव आप पर कभी भी कुपित नहीं होंगे।
शनिदेव की पूजा कैसे करें ? यदि आपके घर के आस-पास शनिदेव की शिला है तो वहां जाकर आप उनकी पूजा कर सकते हैं। ध्यान रहे कि शनिदेव की आंखों मे नहीं देखा जाता है। कहने का मतलब यह है कि ऐसी मूर्ति की ओर न देखें जो आपकी ओर देख रही हो।
आपने शायद कभी ध्यान न दिया हो परंतु शनिदेव की मूर्ति हमेशा ऊपर की ओर देखती हुई ही बनाई जाती है। ऐसा इसलिये ताकि आपके ऊपर उनका नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
वैसे तो पीपल के पेड़ में एक लोटा जल देने से भी शनिदेव शांत रहते हैं। जब आप जल देने जायें तो उसमें एक चुटकी काले तिल, सफेद पुष्प, थोड़ा सा मीठा, और एक चुटकी अक्षत लेकर जायें।
और प्रेम से जल अर्पित करके माँ लक्ष्मी से कहें कि आप मेरे साथ चलिये। और शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे एक दीपक अवश्य जलायें और साथ ही दो चार दाने काले तिल के भी डाल दें।
यदि जीवन में कष्ट की भरमार है तो बेलपत्र के पेड़ के नीचे दोमुखी दिया जला दे। लक्ष्मी जी की आप पर कृपा हो जायेगी। परंतु हमेशा याद रखें कि जब भी शनिदेव की पूजा करें तो हनुमान जी की पूजा अवश्य करें अन्यथा आपकी पूजा अधूरी मानी जायेगी।
इससे आप अपने जीवन के दुर्भाग्य से बाहर आसानी से निकल आयेंगे। हनुमान जी के भक्तों पर शनिदेव अशुभ प्रभाव नहीं देते हैं।
यदि शनिदेव आप पर कुपित होते हैं तो साढ़े साती या ढैय्या चलती है। न तो आपका व्यापार अच्छा चलेगा और न ही आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। नौकरी में टेंशन और विरोधी व शत्रुओं की संख्या मे इजाफा होता ही रहेगा।
अगर ऐसी घटनायें रुकने का नाम ही नहीं ले रही हैं तो आप शनिवार के दिन हनुमान जी को चोला भी अवश्य चढ़ायें। चमेली का तेल या घी लेकर इसमें सिंदूर मिला लें और हनुमान जी के शरीर पर लगा दें।
परंतु महिलाओं के लिये चोले की जगह लाल पुष्प अर्पित करने का शास्त्रो में प्रावधान है। इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें क्योंकि ऐसा करने से आप के ऊपर कृपा बरसेगी।
हमेशा याद रखें कि शनिवार के दिन आपको किसी से भी कर्ज नहीं लेना चाहिये क्योंकि यदि इस दिन कर्ज ले लिया तो वो लंबे समय तक आपके पास रह जायेगा। आप चाह कर भी वह कर्ज नहीं उतार पायेंगे और वह बढ़ता ही जायेगा।
शनिवार के दिन हनुमान जी को प्रसन्न अवश्य करें। जो दीपक आप शनिवार के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे जलाते हैं, उस दीपक को सरसों के तेल से जलायें। इसमें दो चार दाने काली उड़द के डाल दें या अगर काली उड़द नहीं है तो काले तिल का भी उपयोग कर सकते हैं।
परंतु तब क्या करें जब आपके घर के आस-पास पीपल का वृक्ष ही न हो। तो ऐसे केस में आप अपने घर के मुख्य द्वार के दाहिने हिस्से पर एक दीपक जला कर रख दें। मिट्टी का दीपक जलाना है सरसों के तेल के साथ। इसमें कुछ भी नहीं डालना है।
ध्यान रहे कि दीपक के नीचे आसन अवश्य देना है। आसन मतलब दीपक के नीचे कोई साफ सुथरा कपड़ा रखना है। फूलों की पंखुड़ी रख सकते हैं और फिर इस दीपक का मुख दक्षिण दिशा की ओर कर दें। यह दीपक पितरों को समर्पित होता है।
बाद में उस दीपक को मिट्टी में दबा दें या किसी सुरक्षित स्थान पर भी रख सकते हैं। इस तरह से आप शनिदेव की शरण में आकर कष्टों का निवारण कर सकते हैं।
अब एक सबसे अनूठा और खास प्रयोग आपको बताते हैं। यदि आपकी कहीं पर भी नौकरी नहीं लग रही है और रोजगार के कोई आसार नहीं हैं तो आप शुक्रवार की रात को ब्राउन चने भिगो के रख दें।
और शनिवार की सुबह उन चनों को लेकर कड़ाही मे सरसों के तेल में गरम कर लें। ध्यान रहे कि नमक और मसाले आदि नहीं डालने हैं। इसके बाद उसे किसी जानवर को प्यार से खिला दें। नौकरी और रोजगार की परेशानी समाप्त हो जायेगी।
आशा करते हैं कि आपको यह जानकारी अवश्य पसंद आयी होगी। इस जानकारी को अपने तक ही सीमित न रखें और अपने मित्रों के साथ शेयर अवश्य करें। यदि कोई सुझाव हो तो नीचे दिये गये कमेण्ट सेक्शन में अवश्य लिखें। धन्यवाद!