How should you bath? || औरतो के ऐसे नहाने से आती है दरिद्रता || रूठ जाती हैं लक्ष्मी
औरतो के ऐसे नहाने से आती है दरिद्रता || रूठ जाती हैं लक्ष्मी | | How should you bath?
औरतो के ऐसे नहाने से आती है दरिद्रता || रूठ जाती हैं लक्ष्मी | | How should you bath?

दोस्तों वास्तुशास्त्र और ज्योतिषशास्त्र हमारे जीवन के दो अभिन्न अंग हैं। हमारे द्वारा किये गये कार्य का फल हमें इन्हीं के अनुसार मिलता है।
हम दिन भर में जो भी काम करते हैं, जो भी कहते हैं, जो भी सुनते हैं और यहां तक कि जो भी खाते और पीते व पहनते हैं, उसका प्रभाव हमारे जीवन पर अवश्य पड़ता है।
हमारे हर क्रियाकलापों पर घर की दृष्टि बनी ही रहती है। वास्तुशास्त्र में हमारे दैनिक जीवन के क्रियाकलापों के लिये कुछ नियम निर्धारित किये गये हैं।
हमें किस समय नहाना चाहिये और किस समय नहीं यह भी बताया गया है। तो आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम देखेंगे कि महिलाओं के स्नान संबंधी किन नियमों के बारे में वास्तुशास्त्र में बताया गया है।
आपको शायद यह जानकर हैरानी होगी कि यदि महिलाएं नहाते समय यदि शास्त्रों के बताए हुए नियमों का पालन करें तो भी घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
तो चलिये आज जाने लेते हैं कि महिलाओं को कैसे स्नान करना चाहिये जो कि भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार है।
महिलाओं को सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान करना चाहिये। उसके बाद ही रसोईघर में प्रवेश करना चाहिये। वैसे तो ब्रह्म मुहूर्त मे उठकर स्नान करने को ही सर्वश्रेष्ठ माना गया है। यह देवताओं व ऋषियों के स्नान करने का वक्त होता है।
पर आजकल की जिंदगी में यह संभव नहीं हो पाता है। परंतु फिर भी जितनी भी जल्दी हो सके, घर की महिलाओं को स्नान कर लेना चाहिये।
जल्दी स्नान करने से शरीर में पूरे दिन चुस्ती और फुर्ती बनी रहती है, काम करने मे मन लगा रहता है, आलस्य दूर रहता है, स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है और नकारात्मक विचार मन में नहीं आते हैं।
इन सबका शुभ परिणाम आपके परिवार के अन्य सदस्यों पर भी पड़ता है।
स्नान के बाद, ईश्वर की पूजा को भी शास्त्रों में अत्यंत शुभ माना गया है। स्नान के बाद भगवान का समरण करने व पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा व्याप्त हो जाती है। इससे सुख-शांति आती है।
इसी कारण से महिलाओं को स्नान करने के पश्चात सबसे पहले भगवान का नाम स्मरण करना चाहिये। ऐसा करने से मानसिक तनाव दूर रहता है, राग-द्वेष दूर होते हैं और सुख बना रहता है।
दोस्तों नमक हमारे खाने में अत्यंत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भोजन में स्वाद लाता है। परंतु वास्तुशास्त्र के अनुसार भी नमक अत्यंत गुणकारी है।
शास्त्रों के अनुसार यदि किसी घर मे हर रोज वाद-विवाद या लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं तो उस घर की महिलाओं को नहाने के पानी मे नमक मिलाकर नहाना चाहिये।
वास्तुशास्त्र की मानें तो नमक में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने की अद्भुत क्षमता होती है। यह राहु और केतु के दुष्प्रभावों को भी नष्ट करता है।
यह उपाय करने से घर की सारी नकारात्मकता, तनाव और संकट दूर होते हैं। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
तो अब हम वह बातें जान लेते हैं जिन्हें महिलाओ को स्नान करते वक्त भूल कर भी गलती नहीं करनी चाहिये। अक्सर महिलायें यह गलती कर बैठती हैं।
नहाते समय किसी भी महिला को पूर्ण रूप से नग्न होकर नहीं नहाना चाहिये। यह वास्तुशास्त्र की दृष्टि से ठीक नहीं होता है। भगवान श्रीकृष्ण ने इसी कारण से गोपियों के वस्त्र चुराये थे।
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आशा करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी। धन्यवाद!