निधिवन में मिली रहस्यमयी गुफा- सब हैरान रह गये, पर आखिर क्यों? – Nidhivan ki Gufa ka Rahsya
निधिवन में मिली रहस्यमयी गुफा- अंदर का नजारा देखते ही सबके होश उड़ गए – Nidhivan ki Gufa ka Rahsya
निधिवन में मिली रहस्यमयी गुफा- देखते ही सबके होश उड़ गए – सब हैरान रह गये, पर आखिर क्यों? – Nidhivan ki Gufa ka Rahsya

दोस्तेां आपने अनेकों बार निधिवन के बारे में तो सुना ही होगा। परंतु क्या आपने निधिवन में मौजूद कुछ रहस्यमई गुफा के बारे में सुना है जिसके अंदर जब एक पंडित जी घुसे तब उन्होंने एक ऐसा नजारा देखा जैसी कि आज से पहले किसी ने नहीं देखा था।
उस नजारे को देखकर पंडित जी के होश उड़ गए। उन्हें समझ में यह नहीं आ रहा था कि आखिर यह कैसे संभव है? आखिर क्या है निधिवन में मौजूद उस रहस्य में गुफा का रहस्य?
तो आखिर पंडित जी ने उस गुफा के अंदर ऐसा क्या देख लिया जिसे देखकर उसके होश उड़ गए? और आखिर निधिवन में किस जगह है यह गुफा?
इन सारी बातों को जानने के लिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें और आपको यदि यह जानकारी अच्छी लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर अवश्य करें।
दोस्तों जैसा कि आप जानते ही हैं कि निधिवन एक अत्यंत पवित्र रहस्यमयी धार्मिक स्थल है। मान्यता है कि निधिवन में भगवान श्री कृष्ण एवं श्री राधा आज भी अर्धरात्रि को रास रचाते हैं।
रात के बाद निधिवन परिसर में स्थापित रंग महल में शयन करते हैं। रंग महल में आज भी माखन मिश्री प्रसाद के रूप में प्रतिदिन रखा जाता है।
शयन के लिए पलंग लगाया जाता है। सुबह बिस्तर को देखने से प्रतीत होता है कि यहां निश्चित ही कोई रात्रि विश्राम करने आया तथा प्रसाद आदि ग्रहण किया है।


लगभग 2 एकड़ क्षेत्र में फैले निधि वन के वृक्षों की खासियत यह है कि इनमें से किसी भी तरह से आकार में सीधे नहीं मिलेंगे तथा इन वृक्षों की डालियों नीचे की और आपस में उलझी हुई भी प्रतीत होती है।
निधिवन दर्शन के दौरान वृंदावन के पुजारी द्वारा निधिवन के बारे में जानकारियां दी जाती है उसके अनुसार व्यक्ति, अंधा गूंगा बहरा पागल हो जाता है ताकि किसी को बताना सके।
इसी कारण रात्रि 8:00 बजे के बाद में दिखाई देने वाले सभी जानवर यहां से चले जाते हैं और परिसर के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया जाता है।
रात्रि के समय दिखाई देने वाले बंदर और पुजारी इत्यादि सभी यहां से चले जाते हैं और परिसर के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया जाता है।
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उनके अनुसार यह जो भी रात को रुक जाते हैं वह सांसारिक बंधनों से मुक्त हो जाते हैं और जो मुक्त हो गए हैं उनकी समाधि आप परिसर में ही बनी हुई है।
निधिवन में जो बोधीवृक्ष है वहीं रात में श्री कृष्ण की 16000 रानियां बनकर उनके साथ रास रचाती है। रास के बाद श्री राधा और श्रीकृष्ण परिसर के ही रंग महल में विश्राम करते हैं।
सुबह 5:30 बजे रंग महल का पट खुलने पर उनके लिए रखी दातुन गिली मिलती है और सामान बिखरा हुआ मिलता है जैसे कि रात को कोई पलंग पर विश्राम कर कर गया हो।
दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दीवार में मौजूद रंग महल के नीचे एक गुफा है जिसके बारे में लोग ना के बराबर जानते हैं। दोस्तों निधिवन में जो रंग महल है ठीक उसके नीचे यह गुफा मौजूद है।
यहां के एक पंडित के अनुसार जब उन्होंने मंगल आरती के रंग महल का दरवाजा खोला तब उन्हें इसकी नीचे मौजूद गुफा से कुछ रहस्य में आवाज सुनाई दी।
इस गुफा के अंदर की तरफ गए हैं उन्होंने देखा कि एक साधु इस गुफा में उल्टा लेटा हुआ है और दंडवत प्रणाम की मुद्रा में है। कई बार बाहर आने बोलने पर भी उस साधु को कोई सुध नहीं थी।
ऐसा लग रहा था कि मानो उसने कुछ अप्रतिम सुंदर देख लिया है और शरीर छोड़ चुका है। फिर पंडित जी ने वहां पर लोगों को बुलाया फिर सभी लोगों ने मिलकर उस साधु के पैर पकड़कर उसे बाहर निकाला।
बाहर निकालने पर भी वह दंडवत प्रणाम की अवस्था में था। उस साधु की अवस्था को देखकर लोगों की समझ में आ गया कि उसने साक्षात भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के दर्शन कर लिए हैं।
रंग महल के नीचे मौजूद सभी लोग हैरान थे पंडित जी ने कहा कि हम यहां के पंडित है रोज पूजा करते हैं और हम बचपन से आते जाते रहे हैं परंतु हमें कभी भी ठाकुर जी के साक्षात दर्शन नहीं हुए।
परंतु ऐसे कई भक्तों और साधु हैं जो पहली बार निधिबन आए और ठाकुर जी ने उन्हें दर्शन दे दिया।
तो दोस्तों कैसी लगी आपको यह जानकारी हमें कॉमेण्ट सेक्शन में अवश्य बतायें और हर हर महादेव लिखना ना भूलें। धन्यवाद!