रावण अपने जीवन में किन किन योद्धाओं से पराजित हुआ था? Ravan Ki Haar – Ravana was defeated by these warriors.
रावण अपने जीवन में किन किन योद्धाओं से पराजित हुआ था? Ravan Ki Haar – Ravana was defeated by these warriors.
Ravan Ki Haar – तो आज का सवाल है कि रावण को आखिर किन-किन योद्धाओं ने पराजित किया था? दोस्तों आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भगवान श्रीराम से पहले रावण को कई योद्धाओं ने परास्त किया था। तो क्या आप जानना चाहते हैं उन अनोखे योद्धाओं के बारे में तो चलिये शुरू करते हैं।

(1). भगवान शंकर
रावण महादेव से युद्ध करना चाहता था किन्तु महादेव ने उससे इस प्रकार युद्ध किया जैसे वो कोई बालक हो। इससे रावण के घमण्ड को चुनोती मिल गयी और तब रावण ने क्रोध में आकर कैलाश के शिखर को उठा लिया।
तब महादेव ने हँसते हुए अपने पैर के अंगूठे से कैलाश को दबाया जिससे रावण का हाथ पर्वत शिखर के नीचे दब गया। तब रावण ने रोते हुए शिवस्त्रोत्रताण्डव की रचना की जिससे प्रसन्न होकर महादेव ने उसे मुक्त किया और चन्द्रहास खड्ग भी प्रदान किया।
कुछ लोग भगवान शंकर को इस सूची में नही गिनते हैं क्योंकि भला उनसे कौन जीत सका है? पर जो भी हो भले ही नाम का ही क्यों ना हो पर युद्ध की श्रेणी में तो इसे गिना ही जा सकता है।
(2). दैत्यराज बलि
भक्त प्रहलाद को भला कौन नहीं जानता है। एक बार रावण पाताललोक पहुंचा जहाँ उसकी भेंट प्रह्लाद के पौत्र दैत्यराज बलि से हुई।
रावण ने उन्हें युद्ध की चुनौती दी पर बलि ने उससे अनुरोध क्या कि वो उनके बाजूबंद उन्हें दे दे। किन्तु रावण से बलि का बाजूबंद तक नहीं उठा।
तब रावण चुप चाप वहाँ से ये सोच कर चला गया कि जब वो उनका बाजूबंद नहीं उठा सका तो उन्हें क्या परास्त करेगा। भले ही युद्ध न हुआ हो पर एक मौखिक युद्ध तो इसे कहा ही जा सकता है।
(3). कर्त्यवीर्य अर्जुन
रावण महिष्मति पहुंचा तो उस समय सहस्त्रार्जुन स्नान कर रहा था। पर यहां कहानी अपने आप में ही बड़ी अनोखी है। अपनी पत्नी के कहने पर उसने अपने 1000 हाथों से सरोवर का जल रोक लिया जिससे रावण का बनाया शिवलिंग खंडित हो गया।
क्रोध में आकर रावण ने सहस्त्रार्जुन को ललकारा। दोनों में घोर युद्ध हुआ किन्तु अंत में कार्तीवीर्य अर्जुन ने रावण को परास्त कर बंदी बना लिया।
बाद में रावण के दादा महर्षि पुलत्स्य के कहने पर उसने रावण को छोड़ा। ऐसे में इस युद्ध में भी रावण जैसे पराक्रमी योद्धा को हार का सामना करना पड़ा।


(4). वानरराज बाली
हम सब सुग्रीव के भाई बाली के विषय में तो अच्छे से जानते ही हैं पर शायद ही आपको पता होगा कि रावण का मित्र बनने से पहले रावण ने किष्किंधा में बाली को भी ललकारा था।
बाली उस समय पूजा कर रहा था किन्तु बार बार रावण द्वारा ललकारे जाने पर उसने रावण को अपने कांख में दबा लिया और 6 महीने तक उसे लेकर उड़ता रहा।
बाद में उसने रावण को मुक्त किया। उसके बाद दोनों में मित्रता हो गयी। इस युद्ध का परिणाम चाहे जो भी रहा हो पर रावण को एक बहुत ही विश्वास पात्र मित्र जरूर मिल गया।
(5). असुरराज शंभर
शंभर रावण का रिश्तेदार ही था। एक बार जब रावण शंभर के यहाँ अतिथि के रूप में था तो उसने शंभर की पत्नी माया से दुराचार किया।
इससे क्रोधित होकर शंभर ने रावण से युद्ध किया और उसे बंदी बना लिया। बाद में शंभर इंद्र के साथ युद्ध के लिए चला गया जिसमें उसकी मृत्यु हो गयी। ये वही युद्ध था जिसमे दशरथ ने इंद्र की सहायता की थी और कैकेयी को दो वरदान मांगने को कहा था।
बाद में माया के कहने पर रावण को मुक्त कर दिया गया और माया अपने पति के साथ सती हो गयी।


(6). श्रीराम
राम-रावण युद्ध तो प्रसिद्ध है ही। श्रीराम ने दो बार रावण को युद्ध में परास्त किया था और अंततः ब्रह्मास्त्र से उन्होंने रावण का वध कर पूरे संसार को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई।
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