Sone Ka Sahi Tarika || ऐसे सोने से व्यक्ति बन जाता है कंगाल || सोने से संबंधित अति महत्वपूर्ण बातें
Sone Ka Sahi Tarika || ऐसे सोने से व्यक्ति बन जाता है कंगाल || सोने से संबंधित अति महत्वपूर्ण बातें || सोने का सही तरीका
Sone Ka Sahi Tarika || ऐसे सोने से व्यक्ति बन जाता है कंगाल || सोने से संबंधित अति महत्वपूर्ण बातें || कहीं आप भी ऐसे तो नहीं सोते है।। शयन से जुड़ी अति महत्वपूर्ण बातें

दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि किसी भी मनुष्य के लिए अच्छी नींद कितनी जरूरी है। कभी आपने भी अनुभव किया होगा कि जिस रात आप ठीक से विश्राम नहीं कर पाते हैं तो अगला दिन आपका बिगड़ जाता है।
और यदि कोई व्यक्ति लगातार कुछ महीनों तक अच्छी नींद ना लें तो बहुत ही जल्द वह किसी गंभीर रोग से ग्रस्त हो जाता है।
अतः दोस्तों इस प्रकार की सभी मुसीबतों से बचने के लिए आज हम आपके लिए हिंदू पुराणों में वर्णित जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने वाले हैं। जिन्हें अपनाकर आप अच्छी नींद प्राप्त कर सकते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं
पुराणों के अध्ययन के आधार पर पूर्वजों ने यह निष्कर्ष निकाला था कि अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग ऊर्जाएं विद्यमान होती है।
जैसे श्मशान में नकारात्मक ऊर्जा विद्यमान रहती है जबकि वहीं दूसरी और देवालय या मंदिरों की उर्जा अत्यंत ही सकारात्मक होती है।
संभवत इसी कारणवश मनु स्मृति में बताया गया है कि किसी भी मनुष्य को मंदिर या शमशान में जिस स्थान पर कभी सोना नहीं चाहिए।
और तो और मनुस्मृति में यह भी बताया गया है कि हमें कभी बिल्कुल सुनसान निर्जन या अंधकार से भरे स्थान या कक्ष में नहीं सोना चाहिए।
और यह बात दोस्तों काफी हद तक सही भी है क्योंकि यदि देखा जाए तो भूत-प्रेत जैसी जितनी भी नकारात्मक शक्तियां है वह ज्यादातर मरीजों की तलाश में रहती है।
ऐसे में यदि कोई उनकी चपेट में आ जाए तो फिर भी आसानी से उसे अपना शिकार बना सकती है। वैसे यह भी हो सकता है दोस्तों की मजबूरी बस कभी आपको किसी सुनसान स्थान पर तो बेहतर होगा इसके लिए आप उस स्थान पर रोशनी का प्रबंध करें।
कम से कम आप एक छोटी लाइट अथवा दीपक अवश्य प्रज्वलित करें ताकि किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा एकदम से प्रभावी ना हो सके।
इसी प्रकार से दोस्तों यदि वास्तु शास्त्र की बात करें तो इसमें दिशाओं के संदर्भ में विस्तार से बताया गया है। इसमें बताया गया है कि मनुष्य को किस दिशा में बैठकर क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
इसी क्रम में यह शास्त्र हमें यह भी बताता है कि मनुष्य को किस दिशा में सिर करके सोना चाहिए और किस दिशा में नहीं। दरअसल हिंदू शास्त्रों में दक्षिण दिशा को खराब कहा गया है।
कहते हैं जब कोई प्राणी शरीर त्यागने वाला होता है या त्याग चुका होता है तो उसके पैर दक्षिण दिशा की ओर करके उसका सिर उत्तर दिशा की ओर करके सुलाया जाता है।
यह दिशा मनुष्य के रक्त में उपस्थित लौह को आसानी से अपनी ओर आकर्षित करती है। जब कोई व्यक्ति व्यक्ति अपने प्राण त्यागने वाला है उसका सिर उत्तर दिशा में रखा जाता है ताकि उत्तरी ध्रुव के आकर्षण के कारण उसके प्राण उसके सिर से होकर निकले और उसे प्राण त्यागने में किसी प्रकार की कठिनाई ना हो।
लेकिन दोस्तों इसके ठीक विपरीत यदि जीवित व्यक्ति इस दिशा की ओर सिर करके सोता है तो इससे उसके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। वह मानसिक अशांति और निंद्रा विभिन्न प्रकार की बीमारियां तथा बुरे बुरे सपनों का शिकार हो जाता है।
अतः उक्त व्यक्ति को चाहिए कि उसे तुरंत ही इस दिशा का त्याग कर देना चाहिए। वैसे यदि किसी के लिए संभव हो तो वह पूर्व दिशा की ओर सिर करके सो सकता है क्योंकि इस दिशा में पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल सबसे कम होता है।
और तो और सूर्यनारायण भी पूर्व दिशा से ही उदय होते हैं और आप तो जानते ही हैं कि सनातन धर्म में सूर्य को जीवनदाता या देवता माना गया है।
विशेषकर विद्यार्थियों को इस दिशा में सिर करके सोना चाहिए ताकि उन्हें बुद्धा अच्छे विचारों की प्राप्ति हो सके। लेकिन हां किसी भी मनुष्य को भूल कर यानी कि पूर्व में पैर करके नहीं सोना चाहिए क्योंकि इस दिशा में सूर्य तथा अन्य देवताओं का वास होता है।
यदि मनुष्य ऐसा करता है तो इससे देवता कुपित होते हैं। आपको क्या लगता है? वैसे दोस्तों यदि किसी के लिए ऐसा कर पाना संभव नहीं है तथा पश्चिम और उत्तर दिशा को छोड़कर किसी भी दिशा में सिर करके सो सकता है।
इसी प्रकार से दोस्तों हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने का उचित समय निर्धारित किया गया है। आम बोलचाल की भाषा में यही सिद्धांत हमारे सोने के समय पर भी लागू होता है।
इसके अनुसार शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्य के 1 प्रहर अर्थात 3 घंटे के बाद ही सोना चाहिए जो कि रात की 9:00 बजे का समय होता है। अब सोने का उचित समय है उसी प्रकार से जागने का भी उचित समय आ गया है।
और वह समय है जो कि लगभग सुबह 4:30 बजे से लेकर 5:15 बजे अर्थात 45 मिनट तक का होता है। इससे मनुष्य की आयु बुद्धि में बढ़ोतरी होती है।
ऐसा क्यों जरूरी है क्योंकि हमारे पितर देवता के 5:00 बजे से लेकर 7:00 बजे तक सपनों के माध्यम से भविष्य में होने वाली अच्छी बुरी घटनाएं दिखाते हैं जिससे अधिकांश सामान्य जन विचलित हो जाते हैं।
ऐसे में यदि हम भी जाग जाते हैं तो आसानी से हम इस प्रकार से बच सकते हैं। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार गंभीर रोगियों को छोड़कर किसी भी मनुष्य को सूर्योदय सूर्यास्त के समय में कभी सोना नहीं चाहिए।
किंतु फिर भी यदि कोई मनुष्य करता है तो इससे उसके रोग तथा दरिद्रता में बढ़ोतरी होती है। दोपहर में करीब 48 मिनट तक का विश्राम किया जा सकता है।


दोस्तों के अलावा भी शास्त्रों में छोटे-छोटे नियम बताए गए हैं। लोगों को बाई करवट सोना चाहिए इससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है और नींद भी अच्छी आती है।
इसके अलावा दोस्तों बहुत से लोगों की आदत होती है सोने से पहले कुछ खाते पीते हैं जिससे उनका स्वास्थ्य खराब हो जाता है।
यह जरूरी है कि ऐसे लोगों को सोने से पहले अपना मुंह अच्छे से साफ कर लेना चाहिए। साथ ही साथ टूटी खाट पर कभी नहीं सोना चाहिए।
दोस्तों बहुत से लोगों के छोटे बच्चों को बुरे सपने आते हैं तो इसके लिए एक छोटा सा उपाय कर सकते हैं। आपको बस यह है कि सोने से पहले बिस्तर पर बैठ कर शांत मन से एक घूंट पानी पिए।
इसके बाद मन ही मन अपने इष्टदेव को याद करके देखिए। यह छोटा सा उपाय आपको बुरे सपनों से बचाएगा।
दोस्तों आज के लोग निर्वस्त्र होकर सोने लगे हैं। इन लोगों का मानना है कि इससे इन्हें अच्छी नींद आती है और यह आदत इनके शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।
लेकिन आपको बता दें कि हमारे हिंदू धर्म में इस प्रकार के चयन की सख्त मनाही है। विशेषकर धर्म ग्रन्थों के अनुसार इसमें बताया गया है कि किसी भी मनुष्य को चाहे वह स्त्री हो या पुरुष बिल्कुल नग्न होकर कभी नहीं सोना चाहिए।
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तो दोस्तों यह नींद से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां थीं and Sone Ka Sahi Tarika । आशा करते हैं आप के लिए अत्यंत ही कल्याणकारी सिद्ध होगी। इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर करें। धन्यवाद!